अब आधार जरूरी नहीं जानिए कैसे और क्यों ?
आपको तो याद ही होगा अभी हाल में ही सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने आधार नंबर के आधार को हिला कर रख दिया | जहां तक बैंक में खाता खोल आते समय और नया सिम कार्ड खरीदते समय आपको बिना आधार कार्ड के सीधे तौर पर मना कर दिया जाता था कि नहीं आपका खाता खुल सकता है और ना ही आपको सिम कार्ड मिल सकता है |
सीधे तौर पर यह एक जबरदस्ती से ज्यादा और कुछ भी नहीं है और अगर दूसरी तरीके से समझा जाए तो आधार के अलावा जैसे बाकी सारे आईडी प्रूफ बेकार और किसी काम के नहीं है |
यह मेरा और आपका मानना या कहना नहीं है इसका आधार यही है कि बैंक खाता खुल्वाते समय आधार कार्ड ना होने पर आपका खाता नहीं खोला जाएगा|
आप चाहे जितनी प्रक्रियाएं करिए लेकिन सब बेकार होंगे| उसी तरीके से सिम कार्ड खरीदते समय भी कंपनियां अपना पूरा सेटअप इस तरीके से कर ली हैं कि आपका अंगूठा और आपका आधार नंबर यदि आपके पास नहीं है तो आपको सिम कार्ड नहीं मिल सकता है|
यूआईडीएआई ने सभी दूरसंचार कंपनियों को निर्देश दिया
वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद यूआईडीएआई ने सभी दूरसंचार कंपनियों को मोबाइल सिम कार्ड के लिए बनाए गए अपने प्लेटफार्म को 15 अक्टूबर तक बदलने के लिए कहा है और आधार नंबर द्वारा ईकेवाईसी करने की प्रणाली के विपरीत कौन सी दूसरी योजना लागू करेंगे उसका ब्यौरा देने के लिए भी यूआईडीएआई ने सभी दूरसंचार कंपनियों को कहा है|
वैसे यह सारा मामला होने और इस आधार कार्ड और आधार नंबर की जो यह गति है जिसकी वजह से काफी दिनों से बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है आम नागरिक को उस पर रोक लगी है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट की धारा 57 को खत्म कर दिया है|
हाल ही में आधार की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था| जिसमें की कुछ बदलाव के साथ आधार कार्ड की वैधता को बरकरार रखा जाएगा| वह आधार की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाएं दायर कराई गई थी. जिस पर कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि आधार को अब किसी भी बैंक खाते को करवाते समय अनिवार्य रूप से नहीं मांगा जाएगा|
दूसरी तरफ सिम कार्ड खरीदते समय भी आधार नंबर या आधार कार्ड देना अनिवार्य नहीं होगा|
आपको यह भी बताते चलें कि प्रधान न्यायाधीश माननीय श्री दीपक मिश्रा जी के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ बैठ आई गई थी जिसने कि 38 दिनों तक की एक लंबी सुनवाई के बाद 10 मई 2018 को मामले पर फैसले को सुरक्षित रखा था| कुल मिलाकर 31 याचिकाकर्ताओं ने याचिकाएं दायर की थी जिसमें की उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश केएस पुत्तास्वामी भी एक थे|
आधार अब खाते का आधार नहीं रहा ?
जैसे कि अब आप को पता चल गया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब बैंक खाता खुलवा के समय यदि बैंक के कर्मचारी आपसे आधार नंबर की मांग करता है तो यह जरूरी नहीं है कि आप उसे आधार कार्ड दें इसके अलावा भी जो दूसरे भारतीय पहचान पत्र हैं उनका प्रयोग आप कर सकते हैं|
जैसा कि पहले जब आधार कार्ड नहीं था तब होता था, की बैंक खाता खुलवा के समय हम अपना निवास प्रमाण पत्र, निर्वाचन कार्ड, या अन्य दूसरे पहचान पत्रों का सहारा लेते थे|
किंतु जब से आधार कार्ड का अस्तित्व आया तभी से सभी बैंक और मोबाइल कंपनियां भी इसको अपना एक मूलभूत आधार बना ले और इसके बिना नहीं खाता खुलवा सकते हैं और ना ही आप कोई सिम कार्ड खरीद सकते हैं|
यह एक प्रकार की जबरदस्ती ही तो थी जिसका कि अब सुप्रीम कोर्ट ने खंडन कर दिया है|
मत दीजिए आधार नंबर मोबाइल सिम खरीदते समय
जैसा कि आपको पता चल गया है कि 15 अक्टूबर अंतिम तिथि है जब मोबाइल संचार कंपनी है एक ऐसा प्रोजेक्ट यूआईडीएआई के समक्ष रखेंगे जिससे कि यह साफ हो जाएगा कि आप मोबाइल सिम कार्ड के लिए आधार की आवश्यकता नहीं है|
अजीब बात तो यह भी है कि जब से आधार कार्ड का अस्तित्व आया इसके बाद से हम लोग भी जैसे बाकी सारे पहचान पत्रों को भूल ही गए|
कहीं भी कभी भी कोई भी काम कराना हो वहां पर हम आधार कार्ड ही देते हैं| हालांकि अधिकतर जगहों पर आधार कार्ड की ही मांग की जाती है इसीलिए हम भी इसे एक आधार बना लिए कि हर जगह हम अब आधार कार्ड का ही इस्तेमाल करेंगे|
तो अब फिर से हमारे पुराने सारे पहचान पत्रों को इस्तेमाल करने का समय आ गया है और अब उनका अस्तित्व भी दोबारा से जाग उठा है|
याद रखिए कि 15 अक्टूबर 2018 के बाद कंपनियां आपसे सिम कार्ड खरीदते समय जबरदस्ती आधार कार्ड की मांग नहीं कर सकती हैं और यह आपकी सुरक्षा है कि आप आधार कार्ड देना चाहते हैं या कोई दूसरा पहचान पत्र देना चाहते हैं|
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मस्त रहिए और पढ़ते रहिए फिर मिलते हैं एक नई जानकारी के साथ जल्दी ही|
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