आधार को मोबाइल नंबर से हटाना है तो अब यह मुमकिन है
जी हां आपको सुनकर अच्छा लगेगा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब आप अपने पुराने मोबाइल नंबर से जुड़े आधार नंबर को हटा सकते हैं. इसके लिए बस आपको कोई दूसरा भारतीय पहचान पत्र देना होगा. जैसे कि
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पासपोर्ट
- निर्वाचन कार्ड
- राशन कार्ड
- अन्य भारतीय पहचान पत्र
इन कोई भी दूसरा पहचान पत्र लगाकर आप अपना आधार नंबर मोबाइल से हटा सकते हैं.

चलिए और बेहतर तरीके से इसको समझते हैं कि आप किस तरीके से अपने मोबाइल नंबर से जुड़े आधार कार्ड को हटा सकते हैं. और भविष्य मैं नया सिम खरीदते समय, बैंक खाता खुलवाते समय किसी दूसरे पहचान पत्र का इस्तेमाल कर सकती है.
ये जरूरी नहीं रहा कि आपको आधार कार्ड ही देना पड़ेगा.
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला ?

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक फैसला सुनाया था जिसके तहत अब मोबाइल नंबर खरीदते समय आधार ईकेवाईसी कराने की जरूरत नहीं रही.
इसके बाद आपके मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि जिन लोगों ने पहले से अपने मोबाइल नंबर के साथ आधार को लिंक करा रखा है वह क्या करें. या जो लोग अपना लिंक आधार नंबर हटाना चाहते हैं वह क्या करें.
इसी बात को लेकर यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ( यूआईडीएआई) ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को 15 दिनों के भीतर एक नई प्रणाली के माध्यम से ईकेवाईसी कराने का प्लान देने को कहा है.
कैसे पहले से जुड़े आधार नंबर को अपने मोबाइल से हटाए
यदि आप अपने पुराने मोबाइल नंबर पर जुड़े आधार नंबर को हटाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको दोबारा से ईकेवाईसी करवानी पड़ेगी.
जिसके लिए आपको किन्ही भी दूसरे भारतीय पहचान पत्र का प्रयोग करना पड़ेगा.कुछ पहचान पत्र –
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पासपोर्ट
- राशन कार्ड
- निर्वाचन कार्ड
- बिजली बिल
- बैंक पासबुक इत्यादि
जिसको कि आप अपने मोबाइल नंबर कि कंपनी को मुहैया कराएंगे और वह दोबारा से आपकी केवाईसी करके आधार नंबर को हटा देगा और नए पहचान पत्र की आईडी को आपके मोबाइल नंबर के साथ जोड़ देगा.
ऐसा इसलिए है क्योंकि यूआईडीएआई ने टेलीकॉम कंपनियों को एक सर्कुलर जारी कर यह पूछा है कि अब मोबाइल सिम कार्ड के वेरिफिकेशन के लिए आधार कार्ड नंबर के इस्तेमाल को कैसे रोका जाएगा. जिसके लिए टेलीकॉम कंपनियों को 15 अक्टूबर तक का समय दिया गया है.
यूआईडीएआई का टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूआईडीएआई ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि वह अब नए सिम कार्ड की खरीद या फिर पहले से चल रहे सिम को वेरीफाई करने के लिए आधार नंबर नहीं मांग सकते हैं और ना ही किसी भी ग्राहक पर इसके लिए दबाव दे सकते हैं.
यूआईडीएआई ने सभी ऑपरेटर स्कोर कहा है कि वह अपने सभी कस्टमर्स को आधार डीलिंक करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दें.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में और क्या कहा
साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि
- बैंक खाता खुलवा के समय
- मोबाइल सिम कार्ड खरीदते समय
- प्राइवेट सेक्टर
- स्कूल एडमिशन
- नीट, सीबीएसई, यूजीसी रजिस्ट्रेशन
आदि के लिए आधार कार्ड की जरूरत नहीं है.
अभी भी कहां पर आधार कार्ड का प्रयोग करना पड़ेगा
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्राइवेट सेक्टर या ऐसे अन्य जगहों पर अब आपको आधार नंबर का इस्तेमाल करने की आवश्यकता नहीं रही है. और ना ही कोई आपसे इसके लिए आग्रह कर सकता है. तो यह बात स्पष्ट हो गई है कि अब आधार कार्ड का इस्तेमाल आप नहीं करना चाहते हैं तो मत करिए.
लेकिन साथ ही साथ कुछ सरकारी कामों के लिए आपको आधार कार्ड का प्रयोग करना पड़ेगा जैसे कि
- इनकम टैक्स रिटर्न
- सरकारी स्कीमों के तहत सब्सिडी
इनके लिए आपको आधार की जरूरत पड़ेगी.
अभी फिलहाल के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यही नियम लागू होंगे. और आप विशेषता ध्यान रखिए कि आधार नंबर खाते खातों के साथ जुड़े होने की वजह से कई फ्रॉड के मामले सामने आए थे.
साथ ही साथ बहुत सारा आधार डाटा चोरी भी हुआ था जिसके चलते यह आवश्यक है कि अब आप अपना आधार नंबर हर जगह प्रयोग करना बंद कर दीजिए.
अभी के लिए बस इतना ही
मस्त रहिए और पढ़ते रहिए
फिर मिलते हैं एक नई खबर और एक नई जानकारी के साथ जल्दी
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